122 साल से राष्ट्रीय दशहरा मेले के साथ चल रहा पशु मेला इस बार अलग हो जाएगा। पशु मेला दशहरा मेले की रौनक होता है।
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122 साल से राष्ट्रीय दशहरा मेले के साथ चल रहा पशु मेला इस बार अलग हो जाएगा। पशु मेला दशहरा मेले की रौनक होता है। इसमें हाड़ौती ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के पशु व्यापारी आते हैं। पशु मेला इस बार गणेश उद्यान के पीछे लगाया जाएगा। मेला समिति की सोमवार को हुई बैठक में इस पर सहमति हो गई। इस बार 123वां राष्ट्रीय दशहरा मेला आयोजित किया जाएगा।
महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास, आयुक्त शिवप्रसाद एम. नकाते, मेला अध्यक्ष राममोहन मित्रा की मौजूदगी में तीन घण्टे चली बैठक में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। मेले के स्वरूप में विशेष बदलाव नहीं किया गया है, केवल डॉल्फिन पार्क के सामने वाले वाहन स्टैण्ड को पशु मेले की जगह शिफ्ट किया जाएगा। इस जगह में डिजनी लैण्ड लगाया जाएगा। डिजनी लैण्ड की जगह नीलामी से दी जाएगी। आयुक्त ने कहा कि दशहरा मैदान को प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करना है। इसीलिए पशु मेला यहां से शिफ्ट करना जरूरी है। जयपुर में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने इसके निर्देश दिए थे। गणेश उद्यान के पीछे जगह देखी जा चुकी है।
पशु व्यापारी भी इससे सहमत हैं। बैठक में आयुक्त ने दुकानों के किराए में 50 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा। इस पर मेला अध्यक्ष मित्रा, उप महापौर, सदस्य नरेन्द्र हाड़ा ने आपत्ति जताई। इस पर सभी दुकानों का किराया दस फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में सदस्य रमेश चतुर्वेदी, प्रकाश सैनी, भगवान स्वरूप गौतम, कृष्णकुमारी सामरिया, विकास तंवर, मीनाक्षी खण्डेलवाल, मोनू कुमारी, उपायुक्त राजेन्द्रसिंह चारण, मुख्य लेखाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
ठेले वालों का किराया आधा
मेला समिति ने मेले में ठेले लगाने वालों को किराए में राहत दी है। राजस्व समिति अध्यक्ष महेश गौतम लल्ली ने बताया कि पिछले साल ठेले वालों से 2280 रुपए किराया निर्धारित किया गया था। इस बार उनका किराया घटाकर 1100 रुपए का दिया है। करीब चार सौ ठेले वाले लगते हैं। उनके लिए वेण्डर जोन बनाया जाएगा।
बैठक में यह निर्णय हुए
सर्कस पिछले साल की जगह ही लगेगा। पिछले साल 2.85 लाख में जगट आवंटित की थी, इस बार यह दर 3.30 लाख की गई है।
मेले में 753 दुकानों का आवंटन होता है, सभी दुकानों के किराये में 10 फीसदी बढ़ोतरी की गई है।
दुकानों के आवंटन व मूल आवंटित ही दुकान लगाएगा, इसकी निगरानी के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सदस्य प्रकाश सैनी और भगवान गौतम को शामिल किया गया।
ग्रामीण हाट बाजार लगेगा। इसके लिए दो आवेदन आए हैं, चर्चा के बाद निर्णय करेंगे।
सिने संध्या के पहले परिधान उत्सव का आयोजन पूजा राजवंशी की टीम करेगी।
पुराने स्टैंड की जगह झूले लगाए जाएंगे।
पशु मेले की जगह पार्किंग विकसित करेंगे। यहां निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
रामकथा इस बार वार्ड 2 में होगी। इसमें गिरधरपुरा की उमा देवी रामकथा करेंगी।
अमरनाथ गुफा के दर्शन होंगे। इसके लिए जल्द जगह आवंटित की जाएगी।
वेण्डर और नॉन वेण्डर जोन बनेंगे।
उज्जैन कुम्भ की तरह दस लाख के टायलेट लगाए जाएंगे।
21 लाख में टेण्ट लगाने का प्रस्ताव
मेला समिति के प्रयासों से पिछली बार मेले में टेण्ट फ्री लग गया था। इस बार टेण्ट लगाने के लिए 80 लाख रुपए अनुमानित राशि मानी गई थी। मित्रा ने कहा कि यह राशि बहुत ज्यादा है। मेले में इतने टेण्ट की जरूरत नहीं है। बैठक में टेण्ट व्यवसायी जवाहर बंसल ने पिछले साल जैसा मेले में टेण्ट 21 लाख रुपए में लगाने का निगम को प्रस्ताव दिया है। टेण्ट व्यवसायी के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय करने के लिए कमेटी गठित की गई। इसमें उपायुक्त (मेला), उपायुक्त (मुख्यालय), मेला समिति अध्यक्ष, मुख्य लेखाधिकारी, अधीक्षण अभियंता को शामिल किया गया है।