प्रख्यात पार्श्व गायिका अनुराधा पौड़वाल ने दी अपनी मिठासभरी आवाज़ में भजनों की प्रस्तुति

धवल चांदनी और संगीत के साजों सामान से बहती सुर ताल के तारतम्य के बीच मुंबई की पार्श्व भजन गायिक अनुराधा पौड़वाल ने भजनों की ऐसी रसधार बहाई कि माहौल में भक्तिरस घुल गया। पौड़वाल ने गणपति वंदना से कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद जय मां अंबे जय जगदंबे है मात मेरी… ओ पालन हारे तोर बिन हमरा कोई नहीं…मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरों ने कोई…बजरंग बसो-बसो मोरे नैनन में नंदलाल मोहनी मूरत सांवरी सूरत नैना बने विशाल…सरीखे भजनों की सरिता बहाई। नॉन स्टोप हुई भजनों की रसधार ने माहौल में भक्तिरस घोल दिया।

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मेला समीति के सह सचिव दिनेश कुमार जैन व मेला प्रभारी प्रेमशंकर शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परिवहन राज्यमंत्री बाबूलाल वर्मा, विशिष्ट अतिथि कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, पूर्व सांसद इज्यराज सिंह, नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड कोटा के अध्यक्ष राजेश बिरला, जिला एवं सत्र न्यायाधीश केएल गुप्ता, यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता, एलेन कॅरियर के निदेशक गोविंद माहेश्वरी ने विधिवत दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महापौर महेश विजय, उप महपौर सुनीता व्यास, निगम आयुक्त शिवप्रसाद एम नकाते, उपायुक्त राजेश डागा, मेला सह सचिव दिनेश जैन, मेला आयोजन समिति के सदस्य पार्षद महेश गौतम लल्ली, नरेंद्र सिंह हाड़ा, मोनू कुमारी, मीनाक्षी खंडेलवाल, प्रकाश सैनी, भगवान स्वरूप गौतम, रमेश चतुर्वेदी, विकास तंवर, कृष्ण मुरारी सामरिया, पार्षद रेखा जैन, महेश गौतम सोनू, अतुल कौशल, मधु कंवर, रजिया पठान, महक गौतम, दौतलराम मेघवाल, पूर्व पार्षद हुकम जैन काका, आदि ने अतिथियों व कलाकारों का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया।

अनुराधा पौड़वाल ने अपनी मिठास भरी आवाज में जय मां जगदम्बे जय मां काली…काम कोई करने से पहले मैं तो लेती हूं मैय्या का नाम मां मुझे शक्ति देना बन जाए मेरे काम…मेरे घर में बिराजे मां तुही काली है तू ही दुर्गे मां…मेरी माता मंगल करनी… सुनाकर माहौल में भक्तिरस घोल दिया। दर्शक दीर्घा माता रानी के साजे दरबार के जयकारों से गूंज उठा। ढोलक, तबले व हारमोयिम आदि साजो सामान की संगत के बीच सुरीली आवाज के जादू ने श्रोताओं को भक्ति के भव सागर में डूबो दिया। फूलों की होली के दौरान जयकारे लगते रहे। भजन संध्या के दौरान अनुराधा पोड़वाल ने कहा कि अगर आज की रात माता रानी व गोविंद कृष्ण के नाम दोगे तो मेरे ठाकुर की अटूट कृपा बरसेगी। कहा कि भक्ति में संगीत का संसार छिपा है और मातारानी के दर्शन भी होते है। कहा कि माता रानी के दरबार में नारे लगाने में कंजूसी न बरते। इसके बाद तो दर्शक दीर्घा में मौजूद श्रद्धालु दोनों हाथ उठाकर तालियों के करतल ध्वनि के साथ भजनों की सरिता में गौते लगाने लगे। देर रात तक चले कार्यक्रम में बड़ी संख्या मे ं श्रद्धालु मौजूद थे। संचालन रेणु श्रीवास्तव व ओम पंचोली ने किया।

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राम सियाराम में खोए श्रोता
मंच पर भजन संध्या के दौरान चौपाइयों की हुई लगातार प्रस्तुतियों ने माहौल में भक्तिरस घोल दिया। राम सियाराम जय जय राम की धुन पर श्रोताजन राम की आराधना में लीन हो गए। रघुकुल रीत सदा चली आई… की मनमोहक प्रस्तुति दी। दर्शक दीर्घा में भक्ति रस का ऐसा रंग चढ़ा की लोग मंत्रमुग्ध हो नृत्य करने लगे। महादेव के जयघोष गूंजते रहे। देखों बरसे रंग नाच शिव शंकर…. डम डम बाजे घुंघरू और बाजे मृदंग… .भजन के दौरान हर हर महादेव, भोलेनाथ की जय के जयकारे लगते रहे। राधा माधव देखने में दो लगते है पर है एक ही संगीतमय माहौल में उन्होंने राधा माधव की महत्ता बताई। कहा कि देखने में भले ही राधा व माधव देखने व सुनने में दो लगते है लेकिन यह है एक ही है। इसलिए श्याम के रंग में रंगना है, दर्शन पाना है तो राधे राधे बोलने में परहेज बिलकुल न करे। इसके बाद तो दर्शक दीर्घा में मानों भक्ति की बयार आ गई। हर कोई भावविभोर हो भक्ति के सागर में डूब गए। विजयश्री रंगमंच पर मुख्य भजन संध्या कार्यक्रम से पहले स्थानीय भजन गायकों द्वारा भजन संध्या कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।

– मीडिया पॉइंट/ कमल यदुवंशी





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News Coverage : Rajasthan Patrika

मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा…सरीखे भजन सुन श्रोताजन हो गए मंत्रमुग्ध, दशहरा मेले में पाश्र्व गायिका अनुराधा पौडवाल ने भजनों की रसधार बहाई

धवल चांदनी और वाद्ययंत्रों से बहते सुर ताल के तारतम्य के बीच पाश्र्व गायिका अनुराधा पौडवाल ने भजनों की ऐसी रसधार बहाई कि माहौल में भक्तिरस घुल गया। दशहरा मेले में गुरुवार रात आयोजित भजन संध्या में पौडवाल ने गणपति वंदना से आगाज किया।

इसके बाद मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा, शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा…, जय मां अंबे, जय जगदंबे है मात मेरी…, ओ पालनहारे तुम रे बिन हमरा कोन नहीं… मेरो तो गिरधर गोपाल दूसरों न कोई…, बसो-बसो मोरे नैनन में नंदलाल, मोहनी मूरत सांवरी सूरत नैना बने विशाल…सरीखे भजनों की सरिता बहती चली गई। उनके मुख से जय मां जगदम्बे जय मां काली… काम कोई करने से पहले मैं तो लेती हूं मैया का नाम…, मां मुझे शक्ति देना बन जाए मेरे काम… जैसे भजनों से पूरा मेला परिसर भक्तिमय हो गया। फू लों की होली के दौरान जयकारे लगते रहे।

….तो ठाकुर की अटूट कृपा बरसेगी

भजन संध्या के दौरान उन्होंने कहा कि अगर आज की रात माता रानी व गोविंद कृष्णा के नाम दोगे तो ठाकुर की अटूट कृपा बरसेगी। भक्ति में संगीत का संसार छिपा है। मंच पर भजन संध्या के दौरान चौपाइयों की हुई लगातार प्रस्तुतियों ने माहौल में भक्तिरस घोल दिया। राम सियाराम जय-जय राम की धुन पर श्रोताजन आराधना में लीन हो गए। रघुकुल रीत सदा चली आई… की मनमोहक प्रस्तुति दी। दर्शक दीर्घा में लोग मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करने लगे।

फरमाइश पर गाए देशभक्ति गीत

पौडवाल ने मीठे रस से भरी राधा रानी लागी…, कीर्तन की है रात बाबा आज थाणे आनो है…, कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभु जी चले आना…, नजर के सामने जिगर के पास, कोई रहता है वो हो तुम…, दिल दिया है जान भी देंगे ए वेतन तेरे लिए… गानों की  शानदार प्रस्तुति दी गई।

इन्होंने दिया साथ

पौडवाल के साथ आए भजन गायक मनजीत ने भी भक्ति गीतों से समां बांध दिया। उन्होंने सांवरिया तन-मन नाचे मोरा…, श्याम मेरी बंसुरी पागल कर जाती है, मुस्कान तेरी मोहन घायल कर जाती है…, ये दौलत भी ले लो, ये शौहरत भी ले लो… गीत सुनाया।





करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है, प्रभु आपकी कृपा से मेरा सब काम हो रहा है…

विजयश्रीरंगमंच से गुरुवार की रात जब एक के बाद एक भजनों के सुर छिड़े तो पूरा दशहरा मेला ग्राउंड भक्तिमय माहौल में रंग गया। मंच के सामने दर्शक दीर्घा में बैठे श्रोता तो भजन गायिका अनुराधा पौडवाल के साथ नाच-गा रहे ही थे। बाजार में जहां तक मंच की आवाज पहुंच रही थी, वहां तक मेला घूम रहे लोग भजन गुनगुना रहे थे। गणपति वंदना के साथ भजनों का दौर शुरू हुआ तो एक के बाद एक जय मां अंबे जय जगदंबे है मात मेरी… पालन हारी तोरे बिन हमरा कोई नहीं… मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरों ने कोई… बजरंग बसो-बसो मोरे नैनन में नंदलाल मोहनी मूरत सांवरी सूरत नैना बने विशाल… भजन चलते रहे।
गायिका पौडवाल ने श्रोताओं की फरमाइश पर सुनाया… करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है, प्रभु आपकी कृपा से मेरा नाम हो रहा है, कभी राम बनकर कभी श्याम बनकर चले आना… जय मां जगदंबे जय मां काली… काम कोई करने से पहले मैं तो लेती हूं मैया का नाम मां मुझे शक्ति देना बन जाए मेरे काम… मेरे घर में बिराजे मां तुही काली है तू ही दुर्गे मां… मेरी माता मंगल करनी… सुनाया तो मातारानी के जयकारे लगने लगे। फूलों की होली के दौरान भी जयकारे लगते रहे। भजन के बीच में रामायण की चौपाइयां भी सुनाई गई तो श्रोता राम सियाराम जय जय राम भी गाते रहे। रघुकुल रीत सदा चली आई… सुनते ही भक्ति रस का ऐसा रंग चढ़ा कि लोग मंत्रमुग्ध हो नृत्य करने लगे। देखो बरसे रंग नाच शिव शंकर…. डम डम बाजे घुंघरू और बाजे मृदंग… पर महादेव के जयघोष गूंजते रहे। राधा माधव देखने में दो लगते है पर है एक ही… संगीतमय माहौल में उन्होंने राधा माधव की महत्ता बताई। कहा कि भले ही राधा माधव देखने सुनने में दो लगते है, लेकिन यह है एक ही है। इसलिए श्याम के रंग में रंगना है, दर्शन पाना है तो राधे-राधे बोलने में परहेज बिलकुल करे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परिवहन राज्यमंत्री बाबूलाल वर्मा, विशिष्ट अतिथि विधायक संदीप शर्मा, पूर्व सांसद इज्येराज सिंह, नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड कोटा के अध्यक्ष राजेश बिरला, जिला एवंसत्र न्यायाधीश केएल गुप्ता, यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता, एलेन कॅरियर के निदेशक गोविंद माहेश्वरी थे।

अंतमें सुनाए फिल्मी गीत
कार्यक्रमके अंतिम दौर में गायिका पौडवाल ने श्रोताओं से पूछा कि वो फिल्मी गीत सुनना पसंद करेंगे या नहीं। श्रोताओं की स्वीकृति के बाद उन्होंने नजर के सामने, जिगर के पास…, हर करम अपना करेंगे वतन तेरे लिए, सत्यम शिवम सुंदरम… गाने सुनाए।

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