दशहरे मेले के तहत नगर निगम की ओर से चल रही रामलीला के तहत रामबारात का आयोजन किया गया। यह गुमानपुरा स्थित मल्टी परपज स्कूल से निकाली गई। इसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। किसी ने बाराती की भूमिका अदा की कोई घराती बना। हर कोई पालन हार की बारात में आनंद का अनुभव कर रहा था। बारात मल्टी परपज स्कूल से शुरू होकर सूरजपोल, कैथूनीपोल, टिपटा, किशोरपुरा होते हुएभगवान राम अपने सखा लक्ष्मण के संग बग्घी में सवार थे। उनकी मनभावन मूरत लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। भगवान के साथ अन्य मनभावन झांकियां भी शामिल हुई।
बारात में राजसी ठाठ झलक रहा था। हर कोई भगवान की बारात में शामिल होकर आनंदित हो रहा था। जगमग के बीच राम की बारात जिस भी मार्ग से निकली, लोगों ने बारातियों का स्वागत किया।
कलाकारों ने रिझायाआगे ही आगे गजराज चल रहे थे। पीछे राम की बारात का लंबा कारवां चल रहा था। इस कारवे में लोक कलासंस्कृति की मनभावन छटा बिखर रही थी। गजराज के साथ बैण्ड वादक दल मन दर्पण कहलाए…राम जी की निकली सवारी रामजी की लीला है न्यारी.., रामजी की सेना चली।सरीखे भजनों से माहौल को संगीतमय बना रहे थे।
अपनी कला के लिए विशेष पहचान रखने वाले छबड़ा के कलाकार विशेष लय में राम की बारात में नृत्य करते हुए चल रहे थे, इन पर ताल से ताल से मिलाकर भक्ति भाव में डूबे नृत्य कर रहे थे, वहीं सधे हुए अंदाज में घूमर व चकरी करती नृत्यांगनाएं कला संस्कृति की छाप छोड रही थी। म्हांरी घूमर छै नखराळी…, लेता जायजो हिवड़ो लेता….गीत इास दौरान मिठास घोलते रहे, तो तेजाजी के कलाकारों ने भी खास अवसर पर मार्ग में अपनी कला से मन मोहा।
……यूं झलका वैभव शोभायात्रा मेंं सबसे आगे गजराज, फिर लोक कलाकारों के दल, साथ में भगवान राम व अन्य झांकियां थी, पीछे भगवान राम के राज का प्रतीक लिए राम की सैना चल रही थी। ऊंट गाडिय़ों में कलाकार थे तो करीब दो दर्जन घुड़सवार विशेष लिबाज में रौबदार लग रहे थे। बारात के आगे सुरक्षा की दृष्टि से दमकल व पुलिस दल चल रहा था। राम की बारात मल्टीपरपज से सूरजपोल, कैथूनीपोल, टिपटा, किशोरपुरा होते हुए दशहरा मैदान पहुंची, जहां भगवान राम का विवाह जनकदुलारी सीता के संग हुआ।
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