विजयश्री रंगमंच पर बॉलीवुड सिंगर सुखविन्दर सिंह के साथ सिने संध्या में देर रात तक खूब जमा रंग। सिंह ने हिंदी, पंजाबी व सिंधी गानों की एक के बाद दमदार प्रस्तुतियां दे श्रोताओं को मस्ती से सराबोर किया। देर रात तक झूमे दर्शक ।
नगर निगम कोटा की ओर से आयोजित दशहरा मेला 2016 के तहत विजयश्री रंगमंच पर बुधवार की रात सिने संध्या के नाम रहीं। बॉलीवुड के पार्श्व गायक सुखविन्दर सिंह ने हिंदी, पंजाबी गानों की एक के बाद दमदार प्रस्तुतियां देकर श्रोताजनों को मस्ती से सराबोर कर दिया। कोटावासी जमकर झूमे। खचाचक भरे दर्षक दीर्घा के ठीक सामने बने विजयश्री रंगमंच से सुरों के जादूगर सिंह ने रिमिक्स म्यूजिक के साथ 1998 की सुपर फिल्म दिल से का गाना चल छईया छईया छईया…की परफॉरमेंस दी तो श्रोताजन मस्ती से सराबोर हो झूमने लगे। इस दौरान सिंह ने कहा कि कोटा का मेला बहुत ही सुंदर है और मुझे भी मेले अच्छे लगते है। आप भी मेरे साथ गुनगुनाओंगेे? इस पर दर्षक दीर्घा से आवाज उठी हां हां…। बस फिर तो इस सुरों के शहजादे ने डीजे की स्वर लहरियों के साथ जैसे ही जय हो… आवारा भंवरे जो होले होले गाए…सुनाकर माहौल को नई उंचाई दी। हिंदी गानों के बाद सिंह ने पंजाबी गानों की तरफ रूख किया और चोरी चोरी मेरा दिल ले गया….सुना कर माहौल को मस्ती भरा कर दिया। इसके बाद नॉन स्टोप चली चली फिर हवां चली…इष्क चांदी है इष्क सोना है…तोरे बिना…हम तो है कपूचिन्नो…तुम मिलो तो सही…ईष्क की चिलम भर ले…प्यार तुने क्या किया…सरीखे गानों की ऐसी झड़ी लगाई कि दर्शक दीर्घा में मौजूद युवा भी थिरकते नजर आए।
मेला प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी सामरिया ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लाडपुरा विधायक भवानी सिंह राजावत, विशिष्ट अतिथि विधायक चंद्रकांता मेघवाल, यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता, यूआईटी सचिव एमएल यादव, भाजपा शहर जिला मंत्री राकेश मिश्रा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजकुमार माहेश्वरी, भूमि विकास बैंक के पूर्व अध्यक्ष चैन सिंह मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. मनोज सलूजा ने विधिवत शुभारंभ किया। महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास, मेला अधिकारी व उपायुक्त राजेंद्र सिंह चारण,उपायुक्त राजेश डागा, मेला समिति सदस्य पार्षद महेश गौतम लल्ली, रमेश चतुर्वेदी, नरेंद्र सिंह हाड़ा, प्रकाश सैनी, मोनू कुमारी, मीनाक्षी खंडेलवाल, भगवान स्वरूप गौतम, विकास तंवर, कृष्ण मुरारी सामरिया, पार्षद धू्रव राठौड़, महंेश गौतम सोनू सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे।
मंच से सह कलाकारों ने भी भूले बिसरे गीतों की दमदार प्रस्तुति दी। गायकी के दौर के बीच-बीच मे कलाकारों ने फिल्मी गानों में जबर्दस्त डांस की प्रस्तुतियां दी। देर रात तक चले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्षक मौजूद रहे।
– मीडिया पॉइंट
हौले हौले से दुआ लगती है…….देर रात तक सुखविन्दर के गानों पर झूमते रहे लोग
हर तरफ झूमते दर्शक, वन्स मोर वन्स मोर का शोर। दीर्घाओं में पैर रखने तक की जगह नहीं। कोई बैठे-बैठे ही झूम रहा था तो कोई खड़े-खड़े थिरक रहा था। दशहरा मेले में विजयश्री रंगमंच पर बुधवार की रात सिने संध्या के नाम रही। बॉलीवुड के पाश्र्व गायक सुखविन्दर सिंह के गानों पर श्रोता देर रात तक झूमते रहे।
श्रोताओं को मस्ती से सराबोर कर दिया
हिंदी व पंजाबी गानों की एक के बाद एक दमदार प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मस्ती से सराबोर कर दिया। निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देरी से मंच पर आए सुखविन्दर ने अपने गानों की शुरुआत सुल्तान फिल्म के ‘खून ये तेरा मिट्टी, मिट्टी है तेरा खून, ऊ पर अल्लाह नीचे धरती बीच में तेरा जूनुन…Ó से की। इसके बाद उन्होंने अपने साथी कलाकारों के साथ जय हो…जय हो…, आवारा भंवरे जो…, हौले हौले से हवा चलती है, हौले हौले से दुआ लगती है…, बीड़ी जलाए ले जिगर से पीया…सरीखे गानों से माहौल को नई ऊं चाई दी।
फिर पंजाबी रंगत
हिन्दी गानों के बाद उन्होंने पंजाबी गानों का रुख किया। चोरी चोरी मेरा दिल ले गया….,चली चली फि र हवा चली, चली इश्क की हवा चली…., इश्क चांदी है इश्क सोना है..,तुम मिलो तो सही…., आदि गानों की नॉन स्टॉप झड़ी लगा दी। लोग दीर्घाओं में खड़े होकर नाचने लगे। पुलिसकर्मियों को उन्हें बैठाने व व्यवस्था बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी बीच सुखविन्दर गाते हुए दर्शक दीर्घाओं तक आ गए तो लोग उनसे हाथ मिलाने के लिए उनकी तरफ आ गए।
मुझे भी नाज चक दे कोटा , कोटा के मुरीद हुए पाश्र्व गायक सुखविन्दर : कहा- टॉपर निकलते देख मन होता है गद्गद्
पाश्र्व गायक सुखविन्दर सिंह ने कोटा शहर व यहां के लोगों की मंच से जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि एजुकेशन हब के रूप में कोटा की पूरे देश में पहचान है। कोटा कचोरी व कोटा कोचिंग ने देश में ही नहीं विदेश में भी नाम कमाया है। सुखविन्दर ने कहा कि कोटा में पढऩे वाले विद्यार्थियों के एआईपीएमटी व आईआईटी में टॉप करने की खबरें जब वे मुम्बई में पढ़ते हैं तो उन्हें काफी खुशी होती है। उन्होंने कहा कि आज कोटा में आने के बाद में शिद्दत से कह सकता हूं कि कोटा बिग सिटी है। यहां मुझे मुम्बई जैसा कल्चर नजर आता है।
यह बहुत बड़ी बात
कोटा दशहरा मेले के 123 साल का जिक्र करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि 123 साल से एेसे ही मेला चल रहा है, जो भारतीय संस्कृति, मनोरंजन का परिचायक है। यह कोटा के लिए गर्व की बात है। गानों के साथ-साथ सुखविन्दर ने बीच-बीच में खुद से जुड़े कुछ किस्से भी सुनाए। उन्होंने कहा कि सच्चाई के लिए लडऩा चाहिए। लोग गुनाह करते हैं और सफलता के सपने संजोते हैं, ऐसे में कामयाबी नहीं मिलती। सच्चाई के साथ जीने से से आप ऊपर उठते हैं।
विद्यार्थियों को सीख
प्रस्तुति के दौरान सुखविन्दर ने कोचिंग छात्रों को बूस्ट भी किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि फेल होना, पास होना चलता रहता है, लेकिन जीवन में कभी हार नहीं माननी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं जीवन में 18 बार फेल होकर इस मुकाम पर पहुंचा हूं।
कोटा की तारीफ
कोटा के लोगों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोग संगीत की भी पूरी समझ रखते हैं। कोटा की रेखा राव ने अपनी गायिकी से पूरे देश में नाम कमाया है। उन्होंने मंच पर गाने के दौरान ही पाश्र्व गायिका रेखा राव को मंच पर गाने के लिए भी आमंत्रित किया। सुखविन्दर के आग्रह पर रेखा राव मंच पर पहुंची और सुखविन्दर के साथ केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश… सुनाया तो दर्शक झूम उठे। राव ने मंच पर बुलाने के लिए सुखविन्दर का शुक्रिया अदा किया तथा मंच से जाने लगी तो दर्शक दीर्घाओं से उन्हें फिर से मंच से गाने की फरमाइश हुई। राव ने दर्शकों का मान रखते हुए दमादम मस्त कलंदर…सुनाया।
पुलिस को भी हक है मंच पर झूमने-नाचने का
सुखविन्दर ने मंच से पुलिस व सैनिकों की जमकर तारीफ की। उन्होंने सवाल किया कि क्या देश की पुलिस व सैनिक सिर्फ सीमा पर शहीद होने के लिए हैं, दुश्मन की गोली खाने के लिए ही हैं क्या? उन्होंने कहा कि पुलिस को भी पूरा हक है मनोरंजन का, मंच पर झूमने-नाचने का। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात एक महिला पुलिसकर्मी व एक अग्निशमन विभाग की महिलाकर्मी को मंच पर बुलाया और कहा कि ‘ ये दोनों मेरी बहनें हैं। मैं इन्हें नमन करता हूं। इनके जज्बे को सलाम करता हूं। मेले में कोटा पुलिस प्रशासन की ओर से किए गए व्यवस्था की उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि मुझे बड़ी मशक्कत से मंच पर लाया गया।
सुखविंदर की तान पर देर रात तक झूमते रहे दर्शक, देशभक्ति के गीतों पर किया सैल्यूट
सारेजहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा… कुछ करिए-कुछ करिए नस-नस मेरी खोले… फिल्म चक दे इंडिया का ये गाना मैंने नहीं गाया बल्कि पूरे भारत ने गाया है। आज भी इस गाने को मैं सुनता हूं, देखता हूं… ये गाना मेरी इबादत है। इसे सुनना है तो सभी दर्शक अपने स्थान पर खड़े हो जाए… इतना सुनते ही दर्शकदीर्घा में दूर तक बैठे लोग अपने स्थान पर खड़े हो गए। फिर गायक सुखविंदर ने ये गाना सुनाया।
विजयश्री रंगमंच पर सिने संध्या में जाने-माने गायक सुखविंदर ने सुल्तान के गाने खून में तेरे मिट्टी-मिट्टी में तेरा खून… से रात 10.15 बजे एंट्री की। बीच-बीच में वे दर्शकों से कोटा खूब बाते भी कर रहे थे। एक के बाद एक उन्होंने जय हो… आजा-आजा नीले आसमान के तले…, आज गुल्लक फोड़े…, होले-होले से दवा लगती है..,बीड़ी जलइले जिगर से पिया, जिगर में बड़ी आग है…, मरजानी-मरजानी…, चल छइयां-छइयां…, चली-चली फिर हवा चली…, इश्क चांदी है इश्क सोना है… गाने गाए तो दर्शक मस्ती से झूमने लगे, उसके साथ-साथ गाने लगे। कई बार पुलिस को लोगों को समझाकर शांत करना पड़ा। मुख्य अतिथि विधायक भवानीसिंह राजावत, विशिष्ठ अतिथि विधायक चंद्रकांता मेघवाल, यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता, मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डॉ. मनोज सलूजा थे।